Tag: Meena Kumari
चाँद तन्हा है, आसमाँ तन्हा
चाँद तन्हा है आसमाँ तन्हा
दिल मिला है कहाँ-कहाँ तन्हा
बुझ गई आस, छुप गया तारा
थरथराता रहा धुआँ तन्हा
ज़िन्दगी क्या इसी को कहते हैं
जिस्म तन्हा है...
दिन गुज़रता नहीं आता
दिन गुज़रता नहीं आता, रात
काटे से भी नहीं कटती
रात और दिन के इस तसलसुल में
उम्र बाँटे से भी नही बँटती
अकेलेपन के अन्धेरें में दूर-दूर...
रात सुनसान है
रात सुनसान है
तारीक है दिल का आँगन
आसमाँ पर कोई तारा न जमीं पर जुगनू
टिमटिमाते हैं मेरी तरसी हुई आँखों में
कुछ दिये
तुम जिन्हें देखोगे तो...
टुकड़े-टुकड़े दिन बीता, धज्जी-धज्जी रात मिली
टुकड़े-टुकड़े दिन बीता, धज्जी-धज्जी रात मिली
जिसका जितना आँचल था, उतनी ही सौगात मिली
रिमझिम-रिमझिम बूँदों में, ज़हर भी है और अमृत भी
आँखें हँस दीं दिल...