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राहुल तोमर की कविताएँ
प्रतीक्षा
उसकी पसीजी हथेली स्थिर है
उसकी उँगलियाँ किसी
बेआवाज़ धुन पर थिरक रही हैं
उसका निचला होंठ
दाँतों के बीच नींद का स्वाँग भर
जागने को विकल लेटा हुआ...
विदा ले चुके अतिथि की स्मृति
मैं विदा ले चुका अतिथि (?) हूँ
अब मेरी तिथि अज्ञात नहीं, विस्मृत है।
मेरे असमय प्रस्थान की ध्वनि
अब भी करती है कोहरे के कान में...
कविताएँ: जुलाई 2021
लौट आओ तुम
तुम रहती थीं
आकाश में
बादलों के बीच
तारों के संग
चाँद के भीतर
खुली धूप में
हरी घास में
फूलों में
झरते हरसिंगार में
गौरैयों की आवाज़ में
कोयल की मीठी...
संजय छीपा की कविताएँ
1
कुरेदता हूँ
स्मृतियों की राख
कि लौट सकूँ कविता की तरफ़
एक नितान्त ख़ालीपन में
उलटता-पलटता हूँ शब्दों को
एक सही क्रम में जमाने की
करता हूँ कोशिश
ज़िन्दगी की बेतरतीबी...
स्मृतियाँ एक दोहराव हैं
उत्कण्ठाओं के दिन नियत थे
प्रेम के नहीं थे
चेष्टाओं की परिमिति नियत थी
इच्छाओं की नहीं थी
परिभाषाएँ संकुचन हैं
जो न कभी प्रेम बांध पायीं
न देह
स्मृतियाँ एक...
ऐड्रियाटिक जेस की कविताएँ
एड्रिआटिक जेस विश्व पटल पर उभरते युवा अल्बेनियन कवि और ब्लॉगर हैं। उनका जन्म परमेट अल्बानिया में 1971 में हुआ, जहाँ अपनी स्कूली शिक्षा...
मुझसे पहले
मुझसे पहले तुझे जिस शख़्स ने चाहा, उसने
शायद अब भी तेरा ग़म दिल से लगा रक्खा हो
एक बेनाम-सी उम्मीद पे अब भी शायद
अपने ख़्वाबों के...
तुम अब स्मृति हो
पूरे जंगल भर के पखेरू थे तुम्हारे अकेले प्राण
जो इतने पंख गिरा गए
चारों ओर तुम्हारी ही तुम्हारी फड़फड़ाहट है
नदी के दोनों ओर जैसे मेला...
स्मृतियाँ
घुमक्कड़ असंग और निर्लेप रहता है, यद्यपि मानव के प्रति उसके हृदय में अपार स्नेह है। यही अपार स्नेह उसके हृदय में अनंत प्रकार...
मैं इक फेरीवाला
मैं इक फेरीवाला
बेचूँ यादें
सस्ती-महँगी, सच्ची-झूठी, उजली-मैली, रंग-बिरंगी यादें
होंठ के आँसू
आँखों की मुस्कान, हरी फ़रियादें
मैं इक फेरी वाला
बेचूँ यादें!
यादों के रंगीन ग़ुबारे
नीले-पीले, लाल-गुलाबी
रंग-बिरंगे धागों के...
स्मृतियाँ अब भी प्रतीक्षारत हैं
स्मृतियाँ
चंदनवन की मलय में घुल
स्वयं बन जाना चाहती थीं सुगंध,
एहसासों की तरलता छिड़क
हरा-भरा कर देना चाहती थीं
चंदनवन का हर पीला पत्ता
मलयतरु की फुनगी पर...
साथ-साथ, जाड़े की एक शाम
साथ-साथ
हमने साथ-साथ आँखें खोलीं,
देखा बालकनी के उस पार उगते सूरज को,
टहनी पर खिले अकेले गुलाब पर
साथ-साथ ही पानी डाला,
पीली पड़ चुकी पत्तियों को आहिस्ता से किया विलग,
साथ-साथ देखी टीवी पर मिस्टर एण्ड
मिसिज़...