Tag: Mohammad Ibrahim Zauq

Ibrahim Zauq

अब तो घबरा के ये कहते हैं कि मर जाएँगे

अब तो घबरा के ये कहते हैं कि मर जाएँगे मर के भी चैन न पाया तो किधर जाएँगे तुम ने ठहरायी अगर ग़ैर के घर जाने...
Ibrahim Zauq

क्या आए तुम जो आए घड़ी दो घड़ी के बाद

क्या आए तुम जो आए घड़ी दो घड़ी के बाद सीने में होगी साँस अड़ी दो घड़ी के बाद क्या रोका अपने गिर्ये को हम ने...
Ibrahim Zauq

हाथ सीने पे मिरे रख के किधर देखते हो

हाथ सीने पे मिरे रख के किधर देखते हो इक नज़र दिल से इधर देख लो गर देखते हो है दम-ए-बाज़-पसीं देख लो गर देखते हो आईना...
Ibrahim Zauq

आते ही तू ने घर के फिर जाने की सुनाई

आते ही तू ने घर के फिर जाने की सुनाई रह जाऊँ सुन न क्यूँकर ये तो बुरी सुनाई मजनूँ ओ कोहकन के सुनते थे यार...
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