Tag: Monalisa Mukherji

Flowers in a cup

कुछ बेक्ड कवितायें

ये लो ताज़ा कविता अभी अभी निकाली है अवन से- हाँ बेक किया है आज मैंने इसे! चूल्हे की आग में झुलस जाया करती थी अक्सर काली, बेरंग, बेस्वाद कविता कौन चाहेगा,...
Cemetery, Death, Cremation

मसानी बैराग

शान्त मौन ठहरा सा जड़, प्राणहीन काला लिबास डब्बे में बन्द केवल शरीर लोगों की भीड़ धीरे धीरे सरकती फुसफुसाती, इशारों में बढ़ती अन्तिम यात्रा शास्त्रों का भार रटी हुई पंक्तियाँ यन्त्रवत विलाप मसानी बैराग...
Man, Woman, Butterfly, Abstract, Merge

कुछ नहीं कहा

कुछ नहीं कहा मैंने उसे समेट सहेज रख लिया स्वयं में ही पर निहारती रही उसे अनवरत पीती गईं उसके चेहरे का तेज मेरी आँखें। मेरी कोशिकायें अकड़ जकड़ शिथिल हों शान्त...
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