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चाँद सितारे क़ैद हैं सारे
'Chand Sitare Qaid Hain Sare Waqt Ke Bandikhaane Mein', a ghazal by Meeraji
चाँद सितारे क़ैद हैं सारे वक़्त के बंदी-ख़ाने में
लेकिन मैं आज़ाद हूँ...
चाँदनी चुपचाप सारी रात
'Chandni Chupchap Sari Raat', a poem by Agyeya
चाँदनी चुपचाप सारी रात
सूने आँगन में
जाल रचती रही।
मेरी रूपहीन अभिलाषा
अधूरेपन की मद्धिम
आँच पर तचती रही।
व्यथा मेरी अनकही
आनन्द...
चाँदनी रात में
तुम जो बनती मौसम चाँदनी रात में,
ज्वार उठते हैं मुझमें चाँदनी रात में।
साँस के बहाने कलियाँ भरती हैं गंध,
जब तुम गुज़रती चाँदनी रात में।
दिल...
चंद्रदेव से मेरी बातें
भगवान चंद्रदेव! आपके कमलवत् कोमल चरणों में इस दासी का अनेक बार प्रणाम। आज मैं आपसे दो चार बातें करने की इच्छा रखती हूँ।...
चाँद
तुम नद्दी पर जा कर देखो
जब नद्दी में नहाए चाँद
कैसी लगाई डुबकी उस ने
डर है डूब न जाए चाँद
किरनों की इक सीढ़ी ले कर
छम-छम...
महुए के पीछे से झाँका है चाँद
महुए के पीछे से झाँका है चाँद
पिया आ।
आँगन में बिखराए जूही के फूल
पलकों तक तीर आये सपनों के कूल
नयन मूँद लो, बड़ा बांका है...
इंस्पेक्टर मातादीन चाँद पर
"हनुमान सुग्रीव के यहाँ स्पेशल ब्रांच में थे। उन्होंने सीता माता का पता लगाया था। ’एबडक्शन’ का मामला था- दफा 362।"
मामी निशा
चंदा मामा गए कचहरी, घर में रहा न कोई,
मामी निशा अकेली घर में कब तक रहती सोई!
चली घूमने साथ न लेकर कोई सखी-सहेली,
देखी उसने...
लाल खपरों पर का चाँद
वहाँ लाल खपरों के ऊपर चंदा चढ़ आया रे!
आज टेकड़ी के सीने पर दूध बिखर जाएगा
आज बड़ी बेडौल सड़क पर रूप निखर आएगा
आज बहुत...
तुम्हारी हथेली का चाँद
इस घुप्प घने अँधेरे में
जब मेरी देह से एक-एक सितारा निकलकर
लुप्त हो रहा होता है आसमान में
तुम्हारी हथेली का चाँद,
चुपके-से चुनता है,
वो एक-एक सितारा...
चाँद का क़र्ज़
हमारे आँसुओं की आँखें बनाई गईं
हम ने अपने-अपने तलातुम से रस्सा-कशी की
और अपना-अपना बैन हुए
सितारों की पुकार आसमान से ज़ियादा ज़मीन सुनती है
मैंने मौत...
चाँद का कुर्ता
Chand Ka Kurta, a poem by
Ramdhari Singh Dinkar
हठ कर बैठा चाँद एक दिन, माता से यह बोला
सिलवा दो माँ मुझे ऊन का मोटा एक...