Tag: Moon

Meeraji

चाँद सितारे क़ैद हैं सारे

'Chand Sitare Qaid Hain Sare Waqt Ke Bandikhaane Mein', a ghazal by Meeraji चाँद सितारे क़ैद हैं सारे वक़्त के बंदी-ख़ाने में लेकिन मैं आज़ाद हूँ...
Agyeya

चाँदनी चुपचाप सारी रात

'Chandni Chupchap Sari Raat', a poem by Agyeya चाँदनी चुपचाप सारी रात सूने आँगन में जाल रचती रही। मेरी रूपहीन अभिलाषा अधूरेपन की मद्धिम आँच पर तचती रही। व्यथा मेरी अनकही आनन्द...
Moon, Night, Silhouette, Girl

चाँदनी रात में

तुम जो बनती मौसम चाँदनी रात में, ज्वार उठते हैं मुझमें चाँदनी रात में। साँस के बहाने कलियाँ भरती हैं गंध, जब तुम गुज़रती चाँदनी रात में। दिल...
Moon, Moonlight

चंद्रदेव से मेरी बातें

भगवान चंद्रदेव! आपके कमलवत् कोमल चरणों में इस दासी का अनेक बार प्रणाम। आज मैं आपसे दो चार बातें करने की इच्छा रखती हूँ।...
Moon, Moonlight

चाँद

तुम नद्दी पर जा कर देखो जब नद्दी में नहाए चाँद कैसी लगाई डुबकी उस ने डर है डूब न जाए चाँद किरनों की इक सीढ़ी ले कर छम-छम...
Ramnaresh Pathak

महुए के पीछे से झाँका है चाँद

महुए के पीछे से झाँका है चाँद पिया आ। आँगन में बिखराए जूही के फूल पलकों तक तीर आये सपनों के कूल नयन मूँद लो, बड़ा बांका है...
Harishankar Parsai

इंस्पेक्टर मातादीन चाँद पर

"हनुमान सुग्रीव के यहाँ स्पेशल ब्रांच में थे। उन्होंने सीता माता का पता लगाया था। ’एबडक्शन’ का मामला था- दफा 362।"
Ramnaresh Tripathi

मामी निशा

चंदा मामा गए कचहरी, घर में रहा न कोई, मामी निशा अकेली घर में कब तक रहती सोई! चली घूमने साथ न लेकर कोई सखी-सहेली, देखी उसने...
Sunset

लाल खपरों पर का चाँद

वहाँ लाल खपरों के ऊपर चंदा चढ़ आया रे! आज टेकड़ी के सीने पर दूध बिखर जाएगा आज बड़ी बेडौल सड़क पर रूप निखर आएगा आज बहुत...
Woman, Bed, Night, Lights

तुम्हारी हथेली का चाँद

इस घुप्प घने अँधेरे में जब मेरी देह से एक-एक सितारा निकलकर लुप्त हो रहा होता है आसमान में तुम्हारी हथेली का चाँद, चुपके-से चुनता है, वो एक-एक सितारा...
Sara Shagufta

चाँद का क़र्ज़

हमारे आँसुओं की आँखें बनाई गईं हम ने अपने-अपने तलातुम से रस्सा-कशी की और अपना-अपना बैन हुए सितारों की पुकार आसमान से ज़ियादा ज़मीन सुनती है मैंने मौत...
Ramdhari Singh Dinkar

चाँद का कुर्ता

Chand Ka Kurta, a poem by Ramdhari Singh Dinkar हठ कर बैठा चाँद एक दिन, माता से यह बोला सिलवा दो माँ मुझे ऊन का मोटा एक...
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