Tag: Moon

Sara Shagufta

कैसे टहलता है चाँद

कैसे टहलता है चाँद आसमान पे जैसे ज़ब्त की पहली मंज़िल आवाज़ के अलावा भी इंसान है आँखों को छू लेने की क़ीमत पे उदास मत हो क़ब्र...
Moon, Flower

चाँद को देखो

चाँद को देखो चकोरी के नयन से माप चाहे जो धरा की हो गगन से। मेघ के हर ताल पर, नव नृत्य करता राग जो मल्हार, अम्बर में उमड़ता आ...
Trilochan

अगर चाँद मर जाता

अगर चाँद मर जाता झर जाते तारे सब क्या करते कविगण तब? खोजते सौन्दर्य नया? देखते क्या दुनिया को? रहते क्या, रहते हैं जैसे मनुष्य सब? क्या करते कविगण तब? प्रेमियों का...
Moon, Night, Silhouette, Girl

बातों की पीली ओढ़नी

सुनो चाँद... उस रात जब तुम आसमान में देर से उठे, मैं बैठी थी वहीं किसी चौराहे पर शब्दों की, मात्राओं की और उनमें उलझी मुड़ी...
Colored Dots

रंगबिरंगी परछाइयाँ

जैसे रात और दिन के बीच चाँद चिपका रहता है आसमान से, वैसे ही आजकल बड़ी, गोल बिंदी भाती है मुझे मेरे दोनों भवों के बीचोंबीच... उस चाँद के हिस्से...
Moon, Moonlight

चाँदनी रात में नौका विहार

चाँदनी बिखेरती रात जगमगा रही और हमें संग लिए नाव चली जा रही आसमान के तले, याद के दिए जले छपक छपक धार पर नाव शान से...
Shiva

तुम्हारा मुझे चाँद कहना

तुम्हारा मुझे चाँद कहना मजबूर करता है मुझे सुंदर परिधानों, आभूषणों व शृंगार से ढँके रहने को..
Naresh Saxena

आधा चाँद माँगता है पूरी रात

पूरी रात के लिए मचलता है आधा समुद्र.. आधे चाँद को मिलती है पूरी रात आधी पृथ्वी की पूरी रात.. आधी पृथ्वी के हिस्से में आता है पूरा सूर्य.. आधे...

तुम मुबारक

"लगे इलज़ाम लाखो हैं कि घर से दूर निकला हूँ तुम्हारी ईद तुम समझो, मैं तो बदस्तूर निकला हूँ।" "तुम नहीं सुधरोगे ना? कोई घर ना...
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