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Fire, Riots, Curfew

सच यही है

'Sach Yahi Hai', a poem by Mohandas Naimishrai सच यही है मंदिर में आरती गाते हुए भी नज़दीक की मस्जिद तोड़ने की लालसा हमारे भीतर जागती रहती है और मस्जिद में...
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