Tag: Mother and Son
लकिया-पकिया
माँ ने बेड की दराज में पड़ी अरोमा ऑयल की शीशी निकाल ली और बच्चे के हाथ-पैर-पीठ व पेट की तेल से मालिश कर दी और बोली, "सर! आपकी मालिश हो गयी, अब आप कैसा महसूस कर रहे हैं?"
ग्राहक बना बच्चा बोला- "अहा मज़ा आ गया, मेरा तो पूरा दर्द ही छू-मंतर हो गया, बताइये कितने पैसे हुए?"
मेमने ने देखे जब गैया के आँसू
(खेल में मग्न बच्चों को घर की सुध नहीं रहती)
माता पिता से मिला जब उसको प्रेम ना,
तो बाड़े से भाग लिया नन्हा सा मेमना।
बिना...
इसका रोना
यह कविता पता नहीं कितनी व्यवहारिक है लेकिन परंपरागत परिवारों में एक बच्चे के पालन-पोषण को लेकर माँ और पिता की गंभीरता और जिम्मेदारी में अंतर तो दिखाई देता है! हाँ, लेकिन साथ में यह देखना भी सुखद है कि आजकल पिता भी 'व्यवहार में माँ' बनने लगे हैं! :)