Tag: Motivational poem
सचमुच बहुत देर तक सोए
सचमुच बहुत देर तक सोए!
इधर यहाँ से उधर वहाँ तक
धूप चढ़ गई कहाँ-कहाँ तक
लोगों ने सींची फुलवारी
तुमने अब तक बीज न बोए!
सचमुच बहुत देर...
तू है कुशल
'Tu Hai Kushal', a poem by Rahul Boyal
यदि समय की पीठ पर
घाव है तो घाव ही
तू मान पर
इस घाव को क़रार दे
बढ़ा अपने दक्ष...
मौत से ठन गई
'Maut Se Than Gayi', a poem by Atal Bihari Vajpayee
ठन गई!
मौत से ठन गई!
जूझने का मेरा इरादा न था,
मोड़ पर मिलेंगे इसका वादा न...
चींटी
चींटी को देखा?
वह सरल, विरल, काली रेखा
तम के तागे सी जो हिल-डुल,
चलती लघु पद पल-पल मिल-जुल,
यह है पिपीलिका पाँति! देखो ना, किस भाँति
काम करती...