Tag: Nadir Shah

premchand

परीक्षा

"आँखों से आँसू जारी थे, दिलों से आहें निकल रही थीं पर रत्न-जटित आभूषण पहने जा रहे थे, अश्रु-सिंचित नेत्रों में सुरमा लगाया जा रहा था और शोक-व्यथित हृदयों पर सुगंध का लेप किया जा रहा था।"
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