Tag: Namvar Singh

Namvar Singh

कभी जब याद आ जाते

कभी जब याद आ जाते। नयन को घेर लेते घन, स्वयं में रह न पाता मन लहर से मूक अधरों पर व्यथा बनती मधुर सिहरन। न दुःख मिलता, न...
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पकते गुड़ की गरम गंध से

पकते गुड़ की गरम गन्ध से सहसा आया मीठा झोंका। आह, हो गई कैसी दुनिया। "सिकमी पर दस गुना।" सुना फिर था वही गला सबने गुपचुप सुना,...
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