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खलील जिब्रान – ‘नास्तिक’
खलील जिब्रान की किताब 'नास्तिक' से उद्धरण | Quotes from 'Nastik', a book by Kahlil Gibran
चयन: पुनीत कुसुम
"मेरा कोई शत्रु नहीं है, पर भगवान,...
राष्ट्रवाद का सच्चा स्वरूप
'मेरे सपनों का भारत' से
मेरे लिए देशप्रेम और मानव-प्रेम में कोई भेद नहीं है; दोनों एक ही हैं। मैं देशप्रेमी हूँ, क्योंकि मैं मानव-प्रेमी...
अपनी असुरक्षा से
यदि देश की सुरक्षा यही होती है
कि बिना ज़मीर होना ज़िन्दगी के लिए शर्त बन जाए
आँख की पुतली में हाँ के सिवाय कोई भी...
मुझे फ़ख़्र है अपने देशद्रोही होने पर
मैं जीने के लिए
सच का साथ चुनता हूँ
मैं कविताएँ लिखता हूँ
मैं साहित्य पढ़ता हूँ
मेरा कोई धर्म नहीं
सिवाय आदमी होने के
मैं किसी ईश्वर की पूजा...
अंकित कुमार भगत की कविताएँ
Poems: Ankit Kumar Bhagat
प्रतिरोध
काले गुलाब
और स्याह परछाइयों के बाद,
कालिख पुती दीवारें
इस दौर की विशेषताएँ हैं।
अँधेरा गहराता ही जाता है,
कि असहमतियों को आज़माने की
इजाज़त नहीं यहाँ।
विद्रोह...
मैं जानता हूँ
मैं उस किसान को जानता हूँ
जिसके खेत में इतनी कपास होती है
कि रेशे से जिसके, फांसी का फंदा बनता है।
मैं उस लुहार को जानता...
दुनिया का सबसे अनमोल रत्न
"अगर तू मेरा सच्चा प्रेमी है, तो जा और दुनिया की सबसे अनमोल चीज़ लेकर मेरे दरबार में आ, तब मैं तुझे अपनी गुलामी में क़बूल करूँगी। अगर तुझे वह चीज़ न मिले तो ख़बरदार इधर रुख़ न करना, वर्ना सूली पर खिंचवा दूँगी।"
आवश्यकता
आज के परिवेश में
वो गरिमामय कल
नहीं दिखता!
बेशक जरूरी है विकास
और राष्ट्रीयता
लेकिन उतना ही जरूरी है
मानवता और एकता भी
जरूरी है एक समाज
जिसमें समावेश हो
आधुनिकता और...