Tag: Nature’s Love
कामना
मैंने हर ढलती साँझ के समय
सदा सूर्योदय की कामना की है
जब सब छोड़कर चले गए
वृक्ष मेरे मित्र बने रहे
खुली हवा... निरभ्र आकाश में
साँस लेता...
प्रकृति का प्रेम
कंकरीट जलता है
जलाता है शहर को
चिलचिलाती दोपहर में
हाड़ तपती है सड़क पर,
परिंदा उड़ता है, पंख अपने जलाता है
तड़प कर प्राण रह जाती उसकी
पानी की...