Tag: Neerav

Markanday Rai Neerav

कविताएँ: मार्च 2021

कम नहीं है तुम्हारे अगले दाँतों के बीच में फाँक है पर्याप्त है उतनी जगह फलने को जो हमारे बीच है आकाश-भर की इच्छाएँ नहीं एक पेड़ की चाहत है जो...
Markanday Rai Neerav

एक में अनेक

उस युवती के अंदर अनेक युवतियाँ थीं मेरे भीतर भी थे कई पुरुष उस दिन हमने एक-दूसरे को नहीं देखा कहने का अर्थ एक ने एक को...
Love, Couple

नीरव की कविताएँ

1 ढहते थे पेड़ रोती थी पृथ्वी हँसता था आदमी मरती थी नदी बिलखता था आकाश हँसता था आदमी टूटता था संगीत बुझता था प्रकाश हँसता था आदमी टूट रहा है आदमी बुझ रहा है...
कॉपी नहीं, शेयर करें! ;)