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कविताएँ: मार्च 2021
कम नहीं है
तुम्हारे अगले दाँतों के बीच में फाँक है
पर्याप्त है उतनी जगह
फलने को
जो हमारे बीच है
आकाश-भर की इच्छाएँ नहीं
एक पेड़ की चाहत है
जो...
एक में अनेक
उस युवती के अंदर अनेक युवतियाँ थीं
मेरे भीतर भी थे कई पुरुष
उस दिन हमने एक-दूसरे को नहीं देखा
कहने का अर्थ एक ने एक को...
नीरव की कविताएँ
1
ढहते थे पेड़
रोती थी पृथ्वी
हँसता था आदमी
मरती थी नदी
बिलखता था आकाश
हँसता था आदमी
टूटता था संगीत
बुझता था प्रकाश
हँसता था आदमी
टूट रहा है आदमी
बुझ रहा है...