Tag: Night

Yang Shan Tsun

यंग शन शुन की कविताएँ

यंग शन शुन इक्कीस साल की हैं, पर उनकी कविताएँ उनकी उम्र से कहीं अधिक गूढ़ हैं। यहाँ तत्सम शब्दों से चौंका देना मात्र...
Nitesh Vyas

ओ निशा!

ओ निशा! अब तो तमस् को पात्र में भरकर उड़ेलो और जो तारा-गणों की मालिका सजती तुम्हारे कण्ठ पर, उसको उतारो मालिका से ना रहे अब मोह...
Alok Dhanwa

सफ़ेद रात

पुराने शहर की इस छत पर पूरे चाँद की रात याद आ रही है वर्षों पहले की जंगल की एक रात जब चाँद के नीचे जंगल पुकार रहे थे...
Mithileshwar

बारिश की रात

आरा शहर। भादों का महीना। कृष्ण पक्ष की अँधेरी रात। ज़ोरों की बारिश। हमेशा की भाँति बिजली का गुल हो जाना। रात के गहराने...
Neelabh

अन्तिम प्रहर

है वही अन्तिम प्रहर सोयी हुई हैं हरकतें इन खनखनाती बेड़ियों में लिपटकर है वही अन्तिम प्रहर है वही मेरे हृदय में एक चुप-सी कान में आहट किसी की थरथराती...
Night, Lonely, Alone, Road

रात सुनसान है

मेज़ चुप-चाप, घड़ी बंद, किताबें ख़ामोश अपने कमरे की उदासी पे तरस आता है मेरा कमरा जो मेरे दिल की हर इक धड़कन को साल-हा-साल से चुपचाप गिने...
Sahej Aziz

नींद क्यों रात-भर नहीं आती

रात को सोना कितना मुश्किल काम है दिन में जागने जैसा भी मुश्किल नहीं पर, लेकिन तक़रीबन उतना ही न कोई पत्थर तोड़ा दिन-भर न ईंट के भट्ठे में...
Parveen Shakir

पूरा दुःख और आधा चाँद

पूरा दुःख और आधा चाँद हिज्र की शब और ऐसा चाँद दिन में वहशत बहल गई रात हुई और निकला चाँद किस मक़्तल से गुज़रा होगा इतना सहमा-सहमा चाँद यादों...
Ali Sardar Jafri

नींद

रात ख़ूबसूरत है नींद क्यूँ नहीं आती! दिन की ख़शम-गीं नज़रें खो गईं सियाही में आहनी कड़ों का शोर बेड़ियों की झंकारें क़ैदियों की साँसों की तुंद-ओ-तेज़ आवाज़ें जेलरों की बदकारी गालियों की...
Doodhnath Singh

पिछली रात की वह प्रात

तुम्हारी आँख के आँसू हमारी आँख में तुम्हारी आँख मेरी आँख में तुम्हारा धड़कता सौन्दर्य मेरी पसलियों की छाँव में तुम्हारी नींद मेरे जागरण के पार्श्व में तुम्हारी करवटें...
Parveen Shakir

चाँद-रात

गए बरस की ईद का दिन क्या अच्छा था चाँद को देखके उसका चेहरा देखा था फ़ज़ा में 'कीट्स' के लहजे की नरमाहट थी मौसम अपने रंग...
Rajkamal Chaudhary

नींद में भटकता हुआ आदमी

नींद की एकान्त सड़कों पर भागते हुए आवारा सपने सेकेण्ड शो से लौटती हुई बीमार टैक्सियाँ भोथरी छुरी जैसी चीख़ें बेहोश औरत की ठहरी हुई आँखों की...
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