Tag: Nirmala Singh

Woman, Window, Bus, Train

मैं मार दी जाऊँगी

मेरी आग बरसाती आँखें कसती भिंचभिंचाती मुठ्ठियाँ कँपकँपाते-फरफराते होंठ थरथराता-क्रोधित शरीर जवाब दे बैठता है, जब खण्डहरों में चीख़ते हैं मासूम आहत परिन्दे सियासियों, सत्ताधारियों की इमारतों में क़ैद बिलखती-तड़पती हैं भुखमरी, बेचारगी, लाचारी...
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