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Noon Meem Rashid

बेकराँ रात के सन्नाटे में

तेरे बिस्तर पे मेरी जान कभी बेकराँ रात के सन्नाटे में जज़्बा-ए-शौक़ से हो जाते हैं आज़ा मदहोश और लज़्ज़त की गिराँ-बारी से ज़ेहन बन जाता है दलदल...
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