Tag: Objectification of Women

Pooja Shah

पूजा शाह की कविताएँ

पाज़ेब पाज़ेब पाँवों में नहीं स्तनों पर पहनने से सार्थक होंगी जब औरतें क़दम रखती हैं पकौड़ियों की थाली लिए आदमियों से भरे कमरे में उनकी गपशप के बीच या जब...
Hariram Meena

आदिवासी लड़की

'लोकप्रिय आदिवासी कविताएँ' से आदिवासी युवती पर वो तुम्हारी चर्चित कविता क्या ख़ूबसूरत पंक्तियाँ— 'गोल-गोल गाल उन्नत उरोज गहरी नाभि पुष्ट जंघाएँ मदमाता यौवन...' यह भी तो कि— 'नायिका कविता की स्वयं में सम्पूर्ण कविता ज्यों हुआ...
Om Purohit Kagad

सन्नाटों में स्त्री

'Sannaton Mein Stree', a poem by Om Purohit Kagad दिन भर आँखों से ओझल रही मासूम स्त्री को रात के सन्नाटों में क्यों करते हैं याद ऐ दम्भी पुरुष! दिन में खेलते...
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