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पूछते हो कविता किसके लिए है
'हथेली में इन्द्रधनुष' से
अनुवाद: सुजाता शिवेन
पूछते हो कविता क्यों लिखें
किसके लिए?
कविता क्या किसी के लिए लिखी जाती है?
कविता क्यों, क्या यह प्रश्न पूछा जाता...
प्रतिरूप
पास नहीं हो इसीलिए न!
कल्पना के सारे श्रेष्ठ रंग लगाकर
इतने सुन्दर दिख रहे हो आज!
विरह की छेनी से ठीक से
तराश-तराशकर
तमाम अनावश्यक
असुन्दरता
काट-छाँटकर
नाप-तौलकर
मिलन की अनन्य कला...