Tag: P S Ramanujam

रोकना है न!

रूपान्तर: बी. आर. नारायण कितनी बसी है रक्त की बास इस धरती में कितने लोग मरे, कितने लोग रोये दुर्दैव है यह, आश्चर्य है यह तब भी धरती...
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