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Parveen Tahir

मेरी हस्ती मेरा नील कमल

मेरे ख़्वाब जज़ीरे के अंदर इक झील थी निथरे पानी की इस झील किनारे पर सुन्दर इक नील कमल जो खिलता था इस नील कमल के पहलू में इक...
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