Tag: Piyush Bhalse
कमरा
बन्द कमरे की चुप दीवारें
करती होगी बातें तो
चुप कमरे की घड़ी पल को
आराम में सुस्ताती तो होगी
शान्त सी मासूम किताबें
आपस में बतियाती तो होंगी
कील...
काग़ज़ की नाव सा
चाहता हूँ ख़्वाहिशों की गुरुत्वाकर्षण शक्ति
ताउम्र कम ही रहे
इतनी कम कि ज़िन्दगी मुझे अपनी ओर खींच
रही हो
तब मैं चला न जाऊँ ख़्वाहिशों की ओर
जो झूठी है, बनावटी...