Tag: Poem on Poetry

Vijendra

कवि

मेरे लिए कविता रचने का कोई ख़ास क्षण नहीं। मैं कोई गौरय्या नहीं जो सूर्योदय और सूर्यास्त पर घौंसले के लिए चहचहाना शुरू कर दूँ। समय ही ऐसा है कि मैं...
कॉपी नहीं, शेयर करें! ;)