Tag: poetry
छत और लड़कियाँ
छत पर खड़ी लड़की
देख रही है अनगिनत घर
जो उसके घर से रंग-ढंग में भिन्न होकर भी
बिलकुल एक-से हैं।
उन सारे घरों में
उसकी ही तरह
कई लड़कियाँ...
कविताएँ: दिसम्बर 2021
एक यूँ ही मौत
जिन दिनों
मैं उलझ रहा था अपनी नींद से
जिन दिनों
मैं तोते की तरह रट रहा था ऐतिहासिक तथ्य
जिन दिनों
रातें बड़ी मुश्किल से...
कविता मेरी
आलम्बन, आधार यही है, यही सहारा है
कविता मेरी जीवन शैली, जीवन धारा है।
यही ओढ़ता, यही बिछाता
यही पहनता हूँ
सबका है वह दर्द जिसे मैं
अपना कहता...
संजय छीपा की कविताएँ
1
कुरेदता हूँ
स्मृतियों की राख
कि लौट सकूँ कविता की तरफ़
एक नितान्त ख़ालीपन में
उलटता-पलटता हूँ शब्दों को
एक सही क्रम में जमाने की
करता हूँ कोशिश
ज़िन्दगी की बेतरतीबी...
स्थगित नहीं होगा शब्द
स्थगित नहीं होगा शब्द—
घुप्प अंधेरे में
चकाचौंध में
बेतहाशा बारिश में
चलता रहेगा
प्रेम की तरह,
प्राचीन मन्दिर में
सदियों पहले की व्याप्त प्रार्थना की तरह—
स्थगित नहीं होगा शब्द—
मौन की...
कविताई काम नहीं आती
अब कविताई अपनी कुछ काम नहीं आती
मन की पीड़ा,
झर-झर शब्दों में झरती थी
है याद मुझे
जब पंक्ति एक
हलचल अशान्ति सब हरती थी
यह क्या से क्या...
मृत्यु को नींद कहूँगा
अंतिम कविता
मृत्यु पर नहीं लिखूँगा
लिखूँगा जीवन पर
'अंधेरा है' को कहूँगा 'प्रकाश की अनुपस्थिति-भर'
धोखे के क्षणों में याद करूँगा बारिश, हवा, सूरज
मेरे अंदर जन्मती घृणा को
बारिश...
कविता के बहाने
नहीं मिली मुझे कविता
किसी मित्र की तरह अनायास
मैं ही गया कविता के पास
अपने को तलाशता—अपने ख़िलाफ़
कविता जैसा अपने को पाने!
आँधी के पहले ललौंछ आकाश
हुमशता...
कविताएँ: अक्टूबर 2020
तुम्हारा सम, मेरा विषम है
तुम मिले अब तक नहीं मुझसे
चार दशक से हम भाई-बहन हैं
तुम माँ के बेटे हो
मैं बेटी हूँ बाग़ी
हम दोनों के...
फिर कविता लिखें
आओ
आज फिर कविता लिखें
कविता में लिखें
प्रीत की रीत
...जो निभ नहीं पायी
या कि निभायी नहीं गई!
कविता में आगे
रोटी लिखें
जो बनायी तो गई
मगर खिलायी नहीं गई!
रोटी के बाद
कफ़न-भर
कपड़ा...
प्रेम-कविता
कोई शब्द विलोम नहीं होता
किसी शब्द का
वह अपना आप होता है
जब तक बलात् तुम उसे
दूसरे से भिड़ाओ नहीं
कविता भिड़ाती नहीं
साथ-साथ करती है
शब्दों को
—उनको भी
विलोम...
जुहार करती हुईं
पहले उसने कहा—
भई! मैं
कविताएँ सुन-सुनकर बड़ा हुआ हूँ
हमारे लड़ दादा कवि थे
हमारे पड़ दादा कवि थे
हमारे दादा महाकवि थे
पिता जी अनेकों पुरस्कारों से नवाज़े...