Tag: Present
निकानोर पार्रा की कविताएँ (दो)
आख़िरी प्याला
इस बात को पसन्द करो या मत करो
हमारे पास गिनती के तीन विकल्प होते हैं—
भूतकाल, वर्तमान और भविष्य
और दरअसल तीन भी नहीं
क्योंकि दार्शनिक...
मेरा वर्तमान
मैं फूल नहीं हो सका। बग़ीचों से
घिरे रहने के बावजूद। उनकी
हक़ीक़त जान लेने के बाद
यह
मुमकिन भी नहीं था। यों
अनगिन फूल हैं वहाँ। लेकिन
मुस्कुराता हुआ...
भ्रम, सच, भेंट
Poems: Gaurav Bharti
भ्रम
द्वारका सेक्टर-तीन के
तिरंगा चौक ट्रैफ़िक सिग्नल पर
अगरबत्तियाँ बेचती बच्चियाँ
खटखटाती हैं कार के मोटे ग्लास वाली खिड़की
जो कभी नहीं सरकती
मैं डीटीसी बस की एक सीट...