Tag: Punjabi Kavita
अपनी असुरक्षा से
यदि देश की सुरक्षा यही होती है
कि बिना ज़मीर होना ज़िन्दगी के लिए शर्त बन जाए
आँख की पुतली में हाँ के सिवाय कोई भी...
इस बार जीवित रहे तो…
यदि इस बार सावन आया
यदि जमकर बादल बरसे
यदि रिमझिम-रिमझिम हो गयी
कोई भीगा मन तक आया
काग़ज़ की कश्तियों को
तुम्हारी और अपनी को
पानी में बहाएँगे
नौका में...
पूरा एक साल
'Poora Ek Saal', a poem by Ambareesh
मर्तबान में वह
भर रही है आम की
खट्टी, रसदार, महकती फाँकें
और न जाने क्यों
भला लगता है मुझे
गहरे में कहीं
लगता...
झेलम
प्रेम, भरोसा, समर्पण.. ये सारे शब्द एक ऐसी गुत्थी में उलझे रहते हैं कि किसी एक की डोर खिंचे तो तनाव दूसरों में भी...
पगड़ी सम्भाल जट्टा
भगत सिंह पर आधारित फिल्मों में अक्सर आने वाला यह गीत 'पगड़ी सम्भाल जट्टा' असल में बांके दयाल जी की एक कविता है जो...