Tag: Puran Mudgal
धार
तुमने
उस छुरी की धार
इतनी तेज़ क्यों कर दी
जिससे कट गया गला
गला कटने की शिकायत कौन करता—
रोज़ कटते हैं गले
लेकिन वह धार इतनी पैनी थी
कि...
इतिहास
वक़्त की रेशमी रस्सी
मेरे हाथ से
फिसल रही थी
इतिहास का घोड़ा
उसे विपरीत दिशा में
खींच रहा था
तुम्हें
यह कितना बड़ा मज़ाक़ लगता था
जब मैं उसे अपनी तरफ़ खींचता था
रस्सी...