Tag: Pushplata Kashyap
अपने उद्देश्य के लिए
एशट्रे में इकट्ठे हुए सिगरेट के ठूँठों को
चुपचाप गिनने की कोशिश में
वह समय के गुच्छों में उलझी अनेक आकृतियाँ देख रहा है
आँखों में कोई...
उतार-चढ़ाव
'Utaar Chadaav', a poem by Pushplata Kashyap
मुझे दुःख है कि मुझे कोई दुःख नहीं है
दुःख का दुःख या भय का भय
मुझे अब आतंकित नहीं...