Tag: Rail

Sharad Joshi

रेल यात्रा

रेल विभाग के मंत्री कहते हैं कि भारतीय रेलें तेज़ी से प्रगति कर रही हैं। ठीक कहते हैं। रेलें हमेशा प्रगति करती हैं। वे बम्‍बई...
Two Faces, Closed Eyes, Abstract

बीस-बीस की बुद्ध पूर्णिमा

बुद्ध पूर्णिमा की रात चीथड़े और लोथड़ों के बीच पूरे चाँद-सी गोल रोटियों की फुलकारियाँ उन मज़दूरों के हाथों का हुनर पेश कर रही थीं जो अब रेलवे...
Rohit Thakur

कविताएँ – मई 2020

गौरैया गौरैया को देखकर कौन चिड़िया मात्र को याद करता है? गौरैया की चंचलता देखकर बेटी की चंचल आँखें याद आती हैं, पत्नी को देखता हूँ रसोई में हलकान गौरैया...
Shivam Chaubey

शिवम चौबे की कविताएँ

भूल जाते हैं अक्सर घर से निकलते हुए लोग भूल जाते हैं बत्तियाँ बुझाना और नल बन्द करना दुकानों पर भूल जाते हैं साबुन या तेल की शीशी या नमक...
Old Man sleeping in a train

डेली पैसेंजर की दिनचर्या

'Daily Passenger Ki Dincharya', a poem by Nirmal Gupt एक आदमी सकपकाया-सा लौटता है अपने घर तब वह तय करता है केवल एक यातना शिविर से (जिसे वह दफ़्तर कहता...
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