Tag: Rajni Tilak
वजूद है
आज जब अख़बार देते हैं ख़बरें
हमारी अस्मिता लुट जाने की
बर्बरता और घिनौनी चश्मदीद
घटनाओं की
ख़ून खौल क्यूँ नहीं उठता हमारा?
सफ़ेदपोशी में ढँकते-ढाँपते
हम मुर्दा ही हो...
मीठी अनुभूतियों को
हमने मधुर स्मृतियों
और मीठी अनुभूतियों को
इन कठोर हाथों से, तुम्हारे लिए
हृदय से खींच बिखेरा है
हमारे लहू के एक-एक क़तरे ने
तुम्हारे खेत की बंजर भूमि...
प्यार
सोचा था
प्यार की दुनिया
बड़ी हसीन होगी,
'उसके' साथ ज़िन्दगी
रंगीन होगी,
पाया एक अनुभव
प्यार एक पदार्थ
थकावट भरी नींद!
विवाह की कल्पना थी
मृदुल शान्त
प्यार की छत
अहसासों की दीवारें,
परन्तु वह...