Tag: Ramanath Awasthi
मन के पास रहो
तन की दूरी क्या कर लेगी
मन के पास रहो तुम मेरे
देख रहा हूँ मैं धरती से
दूर बहुत है चाँद बिचारा
किन्तु कहा करता है मन...
ऐसी तो कोई बात नहीं
तुमसे भी छिपा सकूँ जो मैं
ऐसी तो कोई बात नहीं जीवन में।
मन दिया तुम्हें मैंने ही अपने मन से
रंग दिया तुम्हें मैंने अपने जीवन...
हम-तुम
जीवन कभी सूना न हो
कुछ मैं कहूँ, कुछ तुम कहो।
तुमने मुझे अपना लिया
यह तो बड़ा अच्छा किया,
जिस सत्य से मैं दूर था
वह पास तुमने...
चंदन गंध
चंदन है तो महकेगा ही
आग में हो या आँचल में
छिप न सकेगा रंग प्यार का
चाहे लाख छिपाओ तुम,
कहने वाले सब कह देंगे
कितना ही भरमाओ...