Tag: Ramesh Ranjak

Strike, Protest, Dissent

हड़ताल का गीत

आज हम हड़ताल पर हैं। हड्डियों से जो चिपककर रह गई, उस खाल पर हैं। यह ख़बर सबको सुना दो इश्तहारों में लगा दो हम लड़ाई पर खड़े...
Ramesh Ranjak

जिस दिन से आए

जिस दिन से आए उस दिन से घर में यहीं पड़े हैं दुःख कितने लंगड़े हैं! पैसे, ऐसे अलमारी से फूल चुरा ले जाएँ बच्चे जैसे फुलवारी से दंड नहीं दे पाता यद्यपि— रंगे हाथ...
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