Tag: Ramkumar Krishak
आज तो मन अनमना
आज तो मन अनमना गाता नहीं
ख़ुद बहल औरों को बहलाता नहीं
आदमी मिलना बहुत मुश्किल हुआ
और मिलता है तो रह पाता नहीं
ग़लतियों पर ग़लतियाँ करते...
दुख कहाँ से आ रहे बतलाइए
दुख कहाँ से आ रहे बतलाइए
और कब तक जा रहे बतलाइए
भूख कब से द्वार पर बैठी हुई
आप कब से खा रहे बतलाइए
काम से जो...
हम नहीं खाते, हमें बाज़ार खाता है
हम नहीं खाते, हमें बाज़ार खाता है
आजकल अपना यही चीज़ों से नाता है
पेट काटा, हो गई ख़ासी बचत घर में
है कहाँ चेहरा, मुखौटा मुस्कुराता है
नाम...
एक रजैया बीवी-बच्चे
Ek Rajaiya Biwi Bachche | Ramkumar Krishak
एक रजैया बीवी-बच्चे
एक रजैया मैं
खटते हुए ज़िन्दगी बोली—
हो गया हुलिया टैं!
जब से आया शहर
गाँव को बड़े-बड़े अफ़सोस
माँ-बहनें-परिवार घेर-घर...