Tag: Ramnaresh Pathak
फूल लड़ाई
लोग
रौशनी से डरते हैं
सच से कतराते हैं
टेसू कहाँ फूलें?
देह
देह के आ जाने को डरती है
कोहबर घर से कतराती है
गुलाब कहाँ उगें?
गीत के पोखर
आदमी से...
एक बूँद जल
मेरी गौशाला के खूँटों पर
दम तोड़ते
तीन जोड़ी बैलों की
आँखों की गहराई में
रुका हुआ एक बूँद जल
हर क्षण दिखता है
मुझे नींद नहीं आती।
टूटी खाट पर
हताश पड़े
मेरे बापू...