Tag: Regressiveness

Fahmida Riaz

तुम बिल्कुल हम जैसे निकले

तुम बिल्‍कुल हम जैसे निकले अब तक कहाँ छिपे थे भाई वो मूरखता, वो घामड़पन जिसमें हमने सदी गँवायी आख़िर पहुँची द्वार तुम्‍हारे अरे बधाई, बहुत बधाई। प्रेत धर्म का...
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