Tag: relations

Sushant Supriye

एक दिन अचानक

एक शाम आप दफ़्तर से घर आते हैं—थके-माँदे। दरवाज़े पर लगा ताला आपको मुँह चिढ़ा रहा है। सुमी कहाँ गई होगी—ज़हन में ग़ुब्बारे-सा सवाल...
Open Door

रिश्ते

जिन्हें धक्का मारना था, उन्हें अपनी तरफ़ रहा खींचता जो बने थे खुल जाने के लिए खींचने से, उन्हें धकेलता रहा अपने से दूर लोग दरवाज़े थे और मैं साइन बोर्ड पढ़ने में अक्षम अनपढ़,...
Tribe, Village, Adivasi, Labour, Tribal, Poor

राकेश मिश्र की कविताएँ

सन्नाटा हवावों का सनन् सनन् ऊँग ऊँग शोर दरअसल एक डरावने सन्नाटे का शोर होता है, ढेरों कुसिर्यों के बीच बैठा अकेला आदमी झुण्ड से बिछड़ा अकेला पशु आसानी से महसूस कर सकता...
Old man

हरिहर काका

हरिहर काका के यहाँ से मैं अभी-अभी लौटा हूँ। कल भी उनके यहाँ गया था, लेकिन न तो वह कल ही कुछ कह सके...
Parmanand Raman

परमानन्द रमन की कविताएँ

आपदा प्रबन्धन कहीं किसी कोने में जीवन यात्रा के भी हो एक आपातकालीन खिड़की आपदाओं के शिकार कुछ टूटे/हारे रिश्ते पहुँच नहीं पाते अपने अन्तिम पड़ाव तक। आवेदन नहीं था कोई कॉलम किसी भी...
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