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Safi Lakhnavi

वो आलम है कि मुँह फेरे हुए आलम निकलता है

वो आलम है कि मुँह फेरे हुए आलम निकलता है शब-ए-फ़ुर्क़त के ग़म झेले हुओं का दम निकलता है इलाही ख़ैर हो उलझन पे उलझन बढ़ती...
Safi Lakhnavi

जाना जाना जल्दी क्या है इन बातों को जाने दो

जाना जाना जल्दी क्या है, इन बातों को जाने दो ठहरो ठहरो दिल तो ठहरे, मुझ को होश में आने दो पाँव निकालो ख़ल्वत से, आए...
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