Tag: Sahej Chopra
लवबाइट
अंग्रेज़ी में जिसे नाम हिकी दिया गया है
और मेरा रूममेट कहता था, "बटके! बटके!"
वह निशानी तेरी, जैसे तुने ख़ुद ही को
मुझ पर थोड़ा-सा छोड़...
कला
भ्रष्ट करता है कला को, कला को
बेहतर करने का हर प्रयास।
कला को नहीं दरकार विषय,
विशेषण या विश्लेषण।
कला के हर भ्रष्ट स्वरूप में है
एक छोटा-सा सत्य...
फूहड़ कविता
ये हॉस्टल के बच्चे आशिक़ मिज़ाज
खोजें कंघी से ज़ुल्फ़ों में इश्क़ इलाज
दिन में पार्कों अर बागों में हैं पाए जाते
मुस्काते, शरमाते, झगड़ते, झपटते
लिपट जोड़ीदारों की...
जिस्म-ओ-लिबास
जिस्म और लिबास का जो रिश्ता होता है
वही रिश्ता होता है सच और झूठ का
ढकना, और चुभना
हमला जिस्म में नहीं, हमला लिबास में है
अदावत...
गवाचीयाँ गल्लां – अनवर अली
"हिंदू मुसलामानों की तमाम बातें सुनाते हुए अनवर ख़ुद कहीं भी मज़हबी या कट्टर नहीं नज़र आते। अपनी जवानी की हिमाक़तें, बचपन की बेवकूफ़ियाँ आप क़ुबूल करते चलते हैं। इसलिए किताब किसी मक़ाम पर भी किसी एक ज़ात के ख़िलाफ़ या किसी एक के हक़ में खड़ी होती ही नहीं है, बल्कि इस तरह की हर अपरिपक्वता की खिल्ली उड़ाती अपनी राह चलती जाती है।"