Tag: Shakunt Mathur

Abstract Painting of a woman, person from Sushila Takbhore book cover

अपना ये सहज रंग

मैंने कई बार सोचा है ख़्वाहिशों की तरह पल-पल बढ़ा जा सकता है और बलों की तरह उतनी ही आसानी से काटा भी जा सकता है जिसे मैं पहचानती हूँ पहले...
Shakunt Mathur

चुनौती

दुनिया तेरी भी है स्पेस, चाँद, सितारे बड़े-बड़े सूरज, आकाशगंगाएँ माना बहुत बड़ी हैं माना बहुत बढ़िया हैं किन्तु मैंने भी तो ढेला फेंका है पानी में कुछ समय जल को...
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