Tag: Shambhunath Shesh
विश्व भर की हलचलें
विश्व भर की हलचलें गहरे तिमिर में खो गयीं!
पड़ गया हरियालियों का रंग कुछ-कुछ साँवला,
भौंर की मधु बाँसुरी का स्वर कहीं लय हो गया,
बालपन...
फूल और शूल
एक दिन जो बाग में जाना हुआ,
दूर से ही महकती आई हवा!
खिल रहे थे फूल रँगा-रंग के
केसरी थे और गुलाबी थे कहीं,
चंपई की बात...