Tag: Shreeharsh

Fist, Protest, Dissent

नया मोर्चा

फिर अपने जूतों के फीते कसने लगे हैं—लोग चील की छाया—गिद्ध बने उसके पहले ही भीतर का भय पोंछ ट्राम-बसों में सफ़र करते—ख़ामोश होंठ फिर हिलने लगे हैं। हवा के...
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