Tag: Siddharth Bajpai

Happy Girl Child

बचपन में दुपहरी थी, बरगद देखता है

बचपन में दुपहरी थी एक पेड़ था एक चिड़िया थी एक तालाब था तीनों गाँव में थे चिड़िया गाती थी चिड़िया पेड़ में थी पेड़ था तालाब में तालाब दुपहरी में था दुपहरी...
God, Abstract Human

ईश्वर की आँखें

क्या रह जाता है मृत्यु के बाद जब पार हो जाती है देहरी जीवितों और मृतों के बीच? क्या तब पार हो जाएँगी सारी सुबहें और रातें भी स्मृति...
Bird, Water

कुछ कह रही थी छोटी चिड़िया

सबेरे-सबेरे कुछ कह रही थी छोटी चिड़िया गली सूनी थी सूरज चढ़ा नहीं था कोई स्तवन था किसी देवता का जो भरपूर देता हो अन्न और भोज्य अपनी स्तुति से...
Man sitting seaside, Beach, Water

मेरे देखने से, प्रेम में असफल लड़के पर कविता

मेरे देखने से मैंने देखा तो नीला हो गया आकाश, झूमने लगे पीपल के चमकते हरे पत्ते। मैंने देखा तो सफ़ेद बर्फ़ से ढँका भव्य पहाड़ एकदम से उग आया क्षितिज पर। मैंने...
Gardening, Soil, Planting

आज सुबह ही

आज सुबह ही मिट्टी खोदी घास उखाड़ी पानी डाला सुबह-सुबह की धूप देखकर सही जगह पर क़लम लगायी खीझ रहा था कई दिनों से मन के भीतर इस जीवन पर अस्थिर होकर घूम...
Sleep, Death

सिद्धार्थ बाजपेयी की कविताएँ

सुना तुम मर गए, गई रात कोई सुबह है किसी भी सुबह की तरह वासंती सन्नाटा गहरा है और अचानक कोयल बोली प्राणों को बेधती हुई कलेजे में उठी हूक की...
Red Flower

वसन्त का ख़्वाब

मैं वसन्त के ख़्वाबों में सोया हूँ फूलों के खिलने का एक संगीत होता है जो जगा देगा मुझे अपने आप, सूखे पत्तों की चादरें जो गिरी हुई...
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