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Bird, Water

कुछ कह रही थी छोटी चिड़िया

सबेरे-सबेरे कुछ कह रही थी छोटी चिड़िया गली सूनी थी सूरज चढ़ा नहीं था कोई स्तवन था किसी देवता का जो भरपूर देता हो अन्न और भोज्य अपनी स्तुति से...
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