Tag: Subhadra Kumar Chauhan

Subhadra Kumari Chauhan

यह कदम्ब का पेड़

यह कदम्ब का पेड़ | Yah Kadamb Ka Ped यह कदम्ब का पेड़ अगर माँ होता यमुना तीरे। मैं भी उस पर बैठ कन्हैया बनता धीरे-धीरे॥ ले...
Subhadra Kumari Chauhan

व्याकुल चाह

सोया था संयोग उसे किस लिए जगाने आए हो? क्या मेरे अधीर यौवन की प्यास बुझाने आए हो? रहने दो, रहने दो, फिर से जाग उठेगा वह अनुराग, बूँद-बूँद से...
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