Tag: Subjugation of women

Vijay Rahi

सुख-दुःख

एक घण्टे में लहसुन छीलती है फिर भी छिलके रह जाते हैं दो घण्टे में बर्तन माँजती है फिर भी गन्दगी छोड़ देती है तीन घण्टे में रोटी बनाती है फिर भी...
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