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राहुल तोमर की कविताएँ
प्रतीक्षा
उसकी पसीजी हथेली स्थिर है
उसकी उँगलियाँ किसी
बेआवाज़ धुन पर थिरक रही हैं
उसका निचला होंठ
दाँतों के बीच नींद का स्वाँग भर
जागने को विकल लेटा हुआ...
धूप सुन्दर
धूप सुन्दर
धूप में
जग-रूप सुन्दर
सहज सुन्दर
व्योम निर्मल
दृश्य जितना
स्पृश्य जितना
भूमि का वैभव
तरंगित रूप सुन्दर
सहज सुन्दर
तरुण हरियाली
निराली शान शोभा
लाल पीले
और नीले
वर्ण वर्ण प्रसून सुन्दर
धूप सुन्दर
धूप में जग-रूप...
दो नज्में
Poems: Usama Hameed
1
जब जब धूप
पकती है,
पीली पड़ती है
शाम, मायूस
मुँह बिसोरे
चली आती है-
एक उम्र गुज़र जाती है!
2
तुम्हारे जाते ही
मुहब्बत ज़दा सारे ख्वाब
खुदकुश हमलावर की तरह
भक्क...