Tag: Support
तुम साथ देते तो
तुम साथ देते तो मैं—
सात समुन्द्रों को पीने की ललक
अगस्त्य मुनी से
छीन लाती,
ब्रह्माण्ड में धरती-सी घूम-घूम
अपने अक्ष पर
तुम्हारे गिर्द घूमने का
दम भरती,
शनि और मंगल के...
अकेले कण्ठ की पुकार
गीत जो मैंने रचे हैं
वे सुनाने को बचे हैं।
क्योंकि—
नूतन ज़िन्दगी लाने,
नयी दुनिया बसाने के लिए
मेरा अकेला कण्ठ-स्वर काफ़ी नहीं है
—इस तरह का भाव मुझको...
कन्धा
यदि कोई मुझसे आकर पूछेगा
इस जीवन में तुमने क्या किया
तो मैं झट से बोलूँगी— कन्धा!
हाँ, मैं जीवन भर किसी कन्धे की तलाश में रही
मेरा...
सुमित मदान की कविताएँ
Poems: Sumit Madan
ठोकरें
मैं ठोकरें खाता हुआ
बढ़ रहा था
कि कुछ हाथ
मुझे सहारा देने आगे आए।
मैं सम्भल गया।
उसके बाद,
ना मैंने ठोकरें खायीं,
ना ही मैं आगे बढ़ पाया।
मैं...
मैं तब भी तुम्हारे साथ रहूँगा
वो जहाँ पर मेरी नज़र ठहरी हुई है
वहाँ ग़ौर से देखो तुम
तुम भी वहाँ हो मेरे साथ।
मेरे दायें हाथ की उंगलियों में
उलझी हुई हैं...