Tag: Sushil Shukla
तेरे वाला हरा
चकमक, जनवरी 2021 अंक से
कविता: सुशील शुक्ल
नीम तेरी डाल
अनोखी है
लहर-लहर लहराए
शोखी है
नीम तेरे पत्ते
बाँके हैं
किसने तराशे
किसने टाँके हैं
नीम तेरे फूल
बहुत झीने
भीनी ख़ुशबू
शक्ल से पश्मीने
नीम...