Tag: Sushila Takbhore
अनुत्तरित प्रश्न
गूँजती है आवाज़
यदि किसी गहरे कुएँ से,
अँधेरी गुफा से कुछ कहा जाए
प्रतिउत्तर में ध्वनि गूँजती है।
मगर तुम
कभी जवाब नहीं देते
मुझे नगण्य मानते हो
या चाहते...
खोज की बुनियाद
यह
रहस्य तो नहीं
खोज की बुनियाद है
आज फिर
मैं
उड़ने लगी हूँ बे-पर
बंजर ज़मीन पर
फूटे हैं
अंकुर
आस की दूब चरने लगा है
मन का मिरग
किस दिशा से बांधोगे तुम
इसे
काल का...
आज की ख़ुद्दार औरत
तुमने उघाड़ा है
हर बार औरत को
मर्दो
क्या हर्ज़ है
इस बार स्वयं वह
फेंक दे परिधानों को
और ललकारने लगे
तुम्हारी मर्दानगी को
किसमें हिम्मत है
जो उसे छू सकेगा?
पिंजरे में...
विद्रोहिणी
माँ बाप ने पैदा किया था
गूँगा!
परिवेश ने लंगड़ा बना दिया
चलती रही
निश्चित परिपाटी पर
बैसाखियों के सहारे
कितने पड़ाव आए!
आज जीवन के चढ़ाव पर
बैसाखियाँ चरमराती हैं
अधिक बोध...
सिलिया
एक नेता ने अखबार में विज्ञापन दिया है कि वह एक शूद्र कन्या से विवाह करना चाहते हैं। सिलिया एक शूद्र कन्या है, उसके सब रिश्तेदार, सब पड़ोसी सिलिया की माँ को सिलिया की शादी उस नेता से करने के लिए कहते हैं। लेकिन सिलिया शादी नहीं करना चाहती.. सिलिया पानी पीना चाहती है.. कुँए से.. अपने दोस्तों के घरों पर.. जब जी चाहे..!