Tag: Tasleema Nasreen
फिर देखेंगे
बुलाने पर भी जब नहीं आते
कठिन बीमारी में एक दिन पकड़ लूँगी बिस्तर।
ख़बर पाते ही जानती हूँ काग़ज़ों के जंगल में ढूँढोगे
पासपोर्ट मिलते ही...
कैसा है मेरा जीवन
'कुछ गद्य, कुछ पद्य' से
अनुवाद: महेन्द्र मिश्र
निर्वासित जीवन के बीस साल मैंने कई देशों में काटे हैं। प्रत्येक देश का जीवन
अपनी तरह का था।...